एक दल में बीतता था पहले जीवन, अब कुछ घंटों में बदल रही निष्ठा

सीतापुर:मुराऊखेराके97वर्षीयलक्ष्मीनारायणमिश्रनेआजादीकेबाद1951मेंहुएपहलेचुनावमेंमतदानकियाथा।न्यायपंचायतगोधनामेंमतदानकेंद्रथा।हमारेघरमेंऊंटथा।परिवारकेकईलोगऊंटपरसवारहोकरमतदानकरनेगएथे।

देशकोआजादीमिलनेकेबादहुएचुनावकापरिदृश्यबिल्कुलनयाथा।प्रत्याशीकेरूपमेंज्यादातरवेलोगचुनावमैदानमेंउतरेथे,जिन्होंनेदेशकीआजादीकेलिएआवाजबुलंदकीथी।उससमयकेनेताओंकीबातहीकुछऔरथी।नेताओंमेंसादगी,सरलताऔरईमानदारीकाकोईजवाबनहींथा।तबकेऔरआजकेनेताओंमेंजमीनआसमानकाअंतरहै।

पहलेकार्यकर्तापैदलगांवमेंचुनावप्रचारकेलिएआतेथे।गांव-गांवसाइकिलवबैलगाड़ीसेसफरकरतेथे।रातहोनेपरमतदाताओंकेयहांकार्यकर्ताआश्रयमांगलेतेथे।सुबहउठकरफिरप्रचारकेलिएनिकलजातेथे।तबप्रत्याशीकोकसौटीपरपरखाजाताथा।लोगआपसमेंचर्चाकरआमरायबनातेथे।नेतादेशवजनहितमेंफैसलेलेतेथे।नेताओंकीछविबेदागहोतीथी।

पहलेनेताओंकीजिदगीएकहीदलमेंकटजातीथी।आजकलकेनेतासुबहकिसीदलमेंतोशामकोकिसीअन्यदलमेंशामिलहोजातेहैं।चाल,चरित्रसबबदलगया।टिकटवितरणकेमापदंडबदलगए।ईमानदारवनिष्ठावानलोगोंकीकद्रनहीं,ऐसेलोगोंकोकोईपार्टियांटिकटतकनहींदेनाचाहती।यहीकारणहैकिराजनीतिकास्तरगिरताजारहाहै।'मतदानकेंद्रोंपरशांतिपूर्वकमतदानकराएंसुनिश्चित'

सीतापुर:तंबौरप्रतिनिधिकेअनुसारलहरपुरविधानसभाक्षेत्रकेचुनावपर्यवेक्षकअजययादवनेबाढ़प्रभावितमतदानकेंद्रोंकानिरीक्षणकिया।वहस्थानीयप्रशासनकेअधिकारियोंकेसाथबमहैलागांवपहुंचे।शारदानदीकेकिनारेबसेलोगोंसेमतदानकरनेमेंहोनेवालीकठिनाईकीजानकारीली।

गांवकेकरीब500मतदातानदीपारकरदूसरीओरबसेमीतमऊगांवकीपोलिगपरमतदानकरेंगे।

ग्रामीणोंनेबतायाकिमतदानकेलिएनावसेमतदानकेंद्रकेलिएजानापड़ताहै।पर्यवेक्षकनेएसडीएमलहरपुरपीएलमौर्यकोनिर्देशदिएकिमतदाताओंकोमतदानकेंद्रतकलानेकेइंतजामकिएजाएं।किसीतरहकीसमस्यानहो।पुलिसकोभीनिर्देशदिएकिइसमेंसहयोगकरेंगे।

पर्यवेक्षकनेथानेमेंबैठककी।उन्होंनेक्षेत्रकेसंवेदनशीलवअतिसंवेदनशीलमतदानकेंद्रोंकीजानकारीली।पुलिसवराजस्वकर्मियोंसेसुरक्षाव्यवस्थाकोलेकरसवालकिए।पुलिसकोनिर्देशदिएकिमतदानकेंद्रपरशांतिपूर्णमतदानकीव्यवस्थासुनिश्चितकीजाए।शांतिभंगकरनेवालेतत्वोंपरकार्रवाईकीजाए।मतदानकेंद्रपरपानी,बिजली,शौचालयआदिसुविधाओंकोलेकरभीनिर्देशदिए।तहसीलप्रशासनकेअधिकारीवबीटप्रभारीमौजूदरहे।